उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में विनोद वन का हाथी गंगा प्रसाद, जिसने फरवरी 2023 में एक दर्दनाक घटना में दो महिलाओं और एक बच्चे की जान ले ली थी, अब फिर से चर्चा में है। वन विभाग ने उसकी सुरक्षा और निगरानी पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं, और अब उसे गोरखपुर के चिड़ियाघर में शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है। हाथी के लिए 18 करोड़ रुपये की लागत से नया बाड़ा बनाया जा रहा है, जहां उसे अक्टूबर के अंत तक शिफ्ट किया जाएगा।
गंगा प्रसाद की मदमस्ती के चलते बढ़ी सुरक्षा, वन क्षेत्र में प्रवेश पर रोक
गंगा प्रसाद हाथी को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, खासकर तब जब यह हाथी एक बार फिर मदमस्त हो गया है। वन विभाग ने एहतियात के तौर पर जंगल में आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। करीब डेढ़ साल से विनोद वन में रखा यह हाथी पिछले कुछ हफ्तों से ज्यादा आक्रामक हो गया है। इस स्थिति को संभालने के लिए उसकी जंजीरें और मोटी कर दी गई हैं और उसे जंगल के और अंदर बांध दिया गया है। इसके अलावा, 24 घंटे निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
वन विभाग और चिड़ियाघर प्रशासन लगातार उसकी सेहत और व्यवहार पर ध्यान दे रहे हैं, ताकि उसे सुरक्षित रूप से चिड़ियाघर में स्थानांतरित किया जा सके।
ठंड के मौसम में बढ़ती है गंगा प्रसाद की मदमस्ती, चिड़ियाघर प्रशासन सतर्क
गोरखपुर के चिड़ियाघर प्रशासन और वन विभाग के अधिकारी ठंड के मौसम को देखते हुए गंगा प्रसाद की गतिविधियों पर खास नजर रख रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, हाथी गंगा प्रसाद हर साल ठंड के मौसम में मदमस्त हो जाता है, जिससे उसका व्यवहार आक्रामक हो सकता है। इस कारण उसे जंगल के अंदर और सुरक्षित स्थान पर बांधा गया है।
16 अक्तूबर को चिड़ियाघर की टीम ने गंगा प्रसाद का निरीक्षण किया और उसके लिए बनाए जा रहे बाड़े का जायजा लिया। अब तक की जानकारी के अनुसार, हाथी को अक्टूबर के अंत तक नए आशियाने में शिफ्ट कर दिया जाएगा, ताकि उसकी सुरक्षा और मदमस्ती को नियंत्रित रखा जा सके।
गंगा प्रसाद के लिए बन रहा 18 करोड़ का आशियाना, जल्द होगा शिफ्ट
वन विभाग गंगा प्रसाद के लिए गोरखपुर के चिड़ियाघर में 18 करोड़ रुपये की लागत से एक खास बाड़ा बना रहा है। इस नए आशियाने में उसकी सुरक्षा और आराम का पूरा ध्यान रखा जाएगा। पिछले 18 महीनों में गंगा प्रसाद की देखरेख, खानपान और निगरानी पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं। अब उसे अक्टूबर के अंत तक चिड़ियाघर में स्थानांतरित किया जाएगा, जहां उसकी देखरेख के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए जा रहे हैं।
वन विभाग और चिड़ियाघर प्रशासन हाथी के व्यवहार को ध्यान में रखते हुए बाड़े की संरचना तैयार कर रहे हैं, ताकि उसे मदमस्ती के दौरान भी नियंत्रित रखा जा सके और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।