गोरखपुर में आंबेडकर जनमोर्चा के पदाधिकारियों के खिलाफ फर्जी कर्जमाफी के मामले में केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि इन पदाधिकारियों ने गांव-गांव जाकर कर्जमाफी की झूठी जानकारी फैलाई, जिसके बाद यह सूचना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई। बताया गया है कि महिलाओं से कर्ज माफी के नाम पर एक फॉर्म भरने के लिए 500 रुपये भी वसूले गए। महराजगंज के बाद अब गोरखपुर में भी इस मामले में राष्ट्रीय अध्यक्ष सीमा और संयोजक श्रवण निराला के खिलाफ गोरखनाथ थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है।
आंबेडकर जनमोर्चा के पदाधिकारियों पर कार्रवाई
आंबेडकर जनमोर्चा के पदाधिकारियों के खिलाफ फर्जी कर्जमाफी के आरोपों की जांच तेज हो गई है। गोरखपुर में दर्ज की गई रिपोर्ट में आरोप है कि महिलाओं को झूठी जानकारी देकर उनसे पैसे वसूले गए। इन पदाधिकारियों ने कर्ज माफ करने का झूठा दावा कर एक फॉर्म भरवाने के लिए 500 रुपये की मांग की। यह मामला महराजगंज के बाद अब गोरखपुर में भी सामने आया है, जिससे स्थानीय महिलाओं में नाराजगी बढ़ गई है। गोरखनाथ थाने में राष्ट्रीय अध्यक्ष सीमा और संयोजक श्रवण निराला के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
महिलाओं की नाराजगी और प्रशासन की भूमिका
फर्जी कर्जमाफी के इस मामले ने गोरखपुर में महिलाओं के बीच भारी नाराजगी पैदा कर दी है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्हें धोखे में डालकर पैसे वसूले गए। महिलाओं का आरोप है कि आंबेडकर जनमोर्चा के पदाधिकारी उनकी आर्थिक स्थिति का फायदा उठाकर उन्हें गलत जानकारी दे रहे हैं। प्रशासन ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की है, जिससे स्थानीय लोगों में न्याय की उम्मीद जागी है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में आगे की कार्रवाई कैसे करता है और आरोपियों को सजा दिलाने में कितना सफल होता है।
न्याय की उम्मीद: आगे की कार्रवाई
गोरखपुर में फर्जी कर्जमाफी के मामले में प्रशासन की कार्रवाई के बाद महिलाओं में न्याय की उम्मीद जाग गई है। स्थानीय नेता और सामाजिक कार्यकर्ता अब इस मामले को लेकर आवाज उठा रहे हैं और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की मांग कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से अपील की है कि इस मामले की गहराई से जांच की जाए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
उधर, पुलिस ने इस मामले में और सबूत इकट्ठा करने के लिए जांच शुरू कर दी है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमों का गठन किया गया है। इस घटनाक्रम ने समाज में वित्तीय धोखाधड़ी के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम किया है, और स्थानीय समुदाय अब ऐसी घटनाओं के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाने को तैयार है।
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