Gorakhpur News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद जिले का खाद्य सुरक्षा विभाग अलर्ट मोड में आ गया है, जिसमें खाने-पीने की दुकानों पर संचालक और प्रबंधक के नाम लिखने की आवश्यकता है। बुधवार को उपायुक्त (खाद्य सुरक्षा) और मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने टीम के साथ शहर के प्रमुख इलाकों में जाकर होटल संचालकों को नियमों का पालन करने के लिए निर्देशित किया। जल्द ही इस संबंध में एक व्यापक जांच अभियान शुरू किया जाएगा।
जिले में होटल, रेस्त्रां, कैंटीन आदि मिलाकर लगभग 15,000 लाइसेंस जारी किए गए हैं। शहर में कई दुकानों और होटलों के बोर्ड पर पहले से ही संचालकों के नाम अंकित हैं, विशेषकर बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन के बीच स्थित अधिकांश खाने-पीने की दुकानों पर। अन्य इलाकों में भी स्थिति कुछ ऐसी ही है, लेकिन बड़े होटलों या रेस्टोरेंट्स में आमतौर पर फर्म का नाम लिखा होता है। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी हितेंद्र मोहन त्रिपाठी ने कहा कि शासन के निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा, और जिनके बोर्ड पर संचालक-प्रबंधक के नाम नहीं होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उपायुक्त सुधीर कुमार ने बताया कि खाद्य सुरक्षा से संबंधित नियमों के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है, और होटल तथा रेस्टोरां संचालकों को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि वे सफाई का ध्यान रखें, अन्यथा जांच के दौरान कार्रवाई की जाएगी।
कोट–
“हर दुकान की अपनी खास पहचान होती है, वैसे ही उसके दुकानदार की भी पहचान होनी चाहिए। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। योगी सरकार द्वारा दुकानों के बाहर दुकानदार का नाम लिखने का आदेश सराहनीय है। हम लोग इसका पालन करेंगे।”
— विक्की कुकरेजा
“दुकानों के बाहर दुकानदार का नाम लिखने से लोगों को भरोसा रहेगा कि जिस दुकान पर बैठकर भोजन या नाश्ता कर रहे हैं, उसका संचालक कौन है। इसे किसी धर्म से जोड़ना ठीक नहीं है, बल्कि यह तो ग्राहक का अधिकार है।”
— विक्की कुकरेजा