लखनऊ…रिटायर्ड जस्टिस सुनीत कुमार को “यूपी भू संपदा अपील अधिकरण” (UP REAT) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह आदेश राज्यपाल की मंजूरी के बाद अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकर्ण द्वारा जारी किया गया। यह पद पिछले छह महीनों से खाली था। इससे पहले, जस्टिस देवेद्र कुमार अरोड़ा के रिटायर होने के कारण यह पद रिक्त हुआ था।
पूर्व जस्टिस सुनीत कुमार इनका कार्यकाल कब तक?
रिटायर्ड जस्टिस सुनीत कुमार का कार्यकाल तीन साल के लिए होगा।
पूर्व जस्टिस सुनीत कुमार क्या उनके अनुभव हैं?
रिटायर्ड जस्टिस सुनीत कुमार के पास न्यायपालिका में काफी अनुभव है। उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण मामलों में न्यायाधीश के रूप में कार्य किया है और न्यायिक प्रक्रियाओं की गहरी समझ रखते हैं। इसके अलावा, उनके पास भूमि विवादों और संपत्ति से संबंधित मामलों का भी अच्छा अनुभव है, जो उन्हें “यूपी भू संपदा अपील अधिकरण” के अध्यक्ष पद पर कार्य करने में मदद करेगा।
पूर्व जस्टिस सुनीत कुमार अध्यक्ष के कर्तव्य क्या होंगे?
“यूपी भू संपदा अपील अधिकरण” (UP REAT) के अध्यक्ष के कर्तव्य निम्नलिखित होंगे:
- अपीलों का निपटारा: भू संपदा से संबंधित अपीलों का सुनवाई करना और उचित निर्णय देना।
- समिति की अध्यक्षता: अन्य सदस्यों के साथ बैठकों की अध्यक्षता करना और महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा करना।
- नियमों का पालन: सभी कार्यों में नियम और प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित करना।
- समस्याओं का समाधान: भूमि विवादों से संबंधित समस्याओं का समाधान करना और न्यायिक मार्गदर्शन प्रदान करना।
- सुझाव और सिफारिशें: सरकार को भूमि प्रबंधन से संबंधित सुझाव और सिफारिशें देना।
- निर्णयों का कार्यान्वयन: अधिकरण द्वारा दिए गए निर्णयों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करना।
- जन जागरूकता: भूमि अधिकारों और संबंधित मुद्दों पर जन जागरूकता फैलाना।
इन कर्तव्यों के माध्यम से अध्यक्ष भू संपदा संबंधी विवादों का प्रभावी और न्यायपूर्ण समाधान सुनिश्चित करेंगे।