गोरखपुर की शान! एशियन चैंपियनशिप की टॉप स्कोरर प्रीति दुबे का भव्य स्वागत रेलवे स्टेशन पर

गोरखपुर की प्रीति दुबे का ऐतिहासिक स्वागत, एशियन चैंपियनशिप में चीन-जापान को हराकर रचा इतिहास गोरखपुर। एशियन चैंपियनशिप 2024 में चीन और जापान जैसी मजबूत टीमों को हराकर ट्रॉफी पर कब्जा जमाने वाली भारतीय हॉकी टीम की फॉरवर्ड खिलाड़ी प्रीति दुबे का गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर भव्य स्वागत किया गया। 1 से 20 नवंबर तक बिहार के राजगीर में आयोजित इस चैंपियनशिप में प्रीति ने अपनी शानदार फॉर्म से टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई।

प्रीति ने टूर्नामेंट में कुल तीन गोल दागकर अपनी काबिलियत साबित की। उन्होंने थाईलैंड के खिलाफ दो और मलेशिया के खिलाफ एक गोल किया, जबकि सेमीफाइनल में कप्तान सलीमा टेटे ने जापान के खिलाफ निर्णायक गोल दागकर जीत पक्की की। भारतीय टीम की इस ऐतिहासिक जीत के बाद गुरुवार को प्रीति दुबे बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से गोरखपुर पहुंचीं, जहां खेल प्रेमियों और स्थानीय हॉकी खिलाड़ियों ने उनका ऐतिहासिक स्वागत किया।

प्रीति के पिता अवधेश दुबे अपनी बेटी की इस उपलब्धि से खुशी से झूम उठे, जबकि भाई फणीष नाथ दुबे तिरंगा हाथ में लेकर जश्न मनाते नजर आए। गोरखपुर की धरती पर प्रीति दुबे ने एक बार फिर साबित कर दिया कि मेहनत और जुनून से हर मुकाम हासिल किया जा सकता है।

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प्रीति दुबे: भारतीय हॉकी की उभरती हुई सितारा

एशियन चैंपियनशिप 2024 में ऐतिहासिक जीत गोरखपुर की प्रीति दुबे ने बिहार के राजगीर में 1 नवंबर से 20 नवंबर तक आयोजित एशियन चैंपियनशिप 2024 में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारतीय हॉकी टीम को ट्रॉफी जिताने में अहम भूमिका निभाई। भारतीय टीम ने चीन और जापान जैसी मजबूत टीमों को हराकर इतिहास रच दिया।

प्रीति ने टूर्नामेंट में तीन गोल दागे—थाईलैंड के खिलाफ दो और मलेशिया के खिलाफ एक। जापान के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में कप्तान सलीमा टेटे ने निर्णायक गोल कर टीम को जीत दिलाई, जबकि प्रीति ने पूरे टूर्नामेंट में अपनी बेहतरीन फॉर्म से साबित कर दिया कि वह टीम के लिए कितनी महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं।

गोरखपुर में भव्य स्वागत

गुरुवार को जब प्रीति दुबे बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से गोरखपुर पहुंचीं, तो स्टेशन पर उनका भव्य स्वागत हुआ। खेल प्रेमियों और स्थानीय हॉकी खिलाड़ियों ने तालियों और नारों के साथ प्रीति का स्वागत किया।

परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं प्रीति के पिता अवधेश दुबे बेटी की इस ऐतिहासिक उपलब्धि से बेहद खुश नजर आए, वहीं उनके भाई फणीष नाथ दुबे हाथ में तिरंगा लिए जश्न मनाते दिखे। यह पल न केवल परिवार बल्कि पूरे गोरखपुर के लिए गर्व का क्षण था।

युवाओं के लिए प्रेरणा प्रीति दुबे ने अपनी मेहनत और लगन से यह साबित कर दिया है कि बड़े सपने देखना और उन्हें पूरा करना संभव है। उन्होंने गोरखपुर और देशभर के युवाओं को प्रेरित किया है और भारतीय हॉकी में अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है।

मेरा नाम रवि कुमार सहानी है। मैं पिछले 5 साल से ज्यादा समय से Content Writing, Blogging कर रहा हूँ। मैं एक Content Creator भी हूँ। मुझे सभी Categories मे ज्यादा इंट्रेस्ट है इसीलिए मैं इन सभी पर लिखना ज्यादा पसंद करता हूँ।

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