कनाडा के हिंदू सांसद चंद्र आर्य ने हाल ही में हिंदू समुदाय की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि हालिया घटनाक्रमों ने समुदाय में असुरक्षा की भावना को बढ़ा दिया है। चंद्र आर्य ने खुलासा किया कि एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए उन्हें रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) की सुरक्षा में आना पड़ा, जब खालिस्तानी समर्थक उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि कनाडा में खालिस्तानी उग्रवाद एक गंभीर समस्या है और यह आवश्यक है कि विदेशी सरकारें कनाडा के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करें। उन्होंने भारत और कनाडा के बीच सहयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया, ताकि इस खतरे का सामना किया जा सके। चंद्र आर्य ने कनाडा के राजनीतिक माहौल पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक नेता खालिस्तानी उग्रवाद का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने हिंदू-कनाडाई समुदाय से अपील की कि वे अपनी आवाज उठाएं और अपनी सुरक्षा और हितों की रक्षा करें।
खालिस्तानी उग्रवाद के खिलाफ चंद्र आर्य की अपील
चंद्र आर्य ने कनाडा में खालिस्तानी उग्रवाद को एक गंभीर समस्या बताते हुए कहा कि इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे आतंकवाद और उग्रवाद का समर्थन करने वाले नेताओं को अलग रखें। उनका मानना है कि एकजुटता और सहयोग से ही इस खतरे का सामना किया जा सकता है।
आर्य ने कहा कि कनाडा के हिंदू समुदाय को अपनी आवाज उठाने और अपने सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए सक्रिय होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे खतरनाक तत्वों के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना आवश्यक है, ताकि समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। चंद्र आर्य की यह अपील ऐसे समय में आई है जब कनाडा में खालिस्तानी समर्थक गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
कनाडा में समुदाय की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत
चंद्र आर्य ने कहा कि कनाडा में हिंदू समुदाय की सुरक्षा को प्राथमिकता देना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि समुदाय के सदस्यों को सुरक्षित महसूस हो सके। उनका मानना है कि सुरक्षा के मुद्दे को केवल राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए, बल्कि इसके लिए ठोस नीतियों और कार्यक्रमों की आवश्यकता है।
उन्होंने हिंदू समुदाय से भी अपील की कि वे एकजुट होकर अपनी सुरक्षा के लिए आवाज उठाएं और अपने अधिकारों की रक्षा करें। चंद्र आर्य ने यह भी कहा कि कानूनी और सुरक्षा एजेंसियों को सक्रिय रूप से इस समस्या का सामना करना चाहिए, ताकि खालिस्तानी उग्रवाद को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सके। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब समुदाय के लोगों में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है और उन्हें ठोस सुरक्षा उपायों की आवश्यकता महसूस हो रही है।