महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, गोरखपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) की पारिजात, माता शबरी और आर्यभट्ट इकाइयों के स्वयंसेवकों ने मंगलवार को मिशन शक्ति फेज 5.0 के तहत महिला सशक्तिकरण का सशक्त संदेश दिया। इस पहल के माध्यम से उन्होंने समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का संकल्प लिया। NSS स्वयंसेवकों ने विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से महिलाओं के अधिकारों और उनके सशक्तिकरण के महत्व पर जोर दिया, जिससे स्थानीय समुदाय में जागरूकता फैली। यह अभियान न केवल महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रेरित करता है, बल्कि समाज के अन्य वर्गों को भी इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
NSS की सक्रियता से बढ़ी जागरूकता
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में NSS स्वयंसेवकों ने महिला सशक्तिकरण के लिए जागरूकता फैलाने के कई कार्यक्रम आयोजित किए। स्वयंसेवकों ने छात्रों और स्थानीय समुदाय के बीच संवाद स्थापित किया, जिसमें महिलाओं की भूमिका और अधिकारों पर चर्चा की गई। इस पहल का उद्देश्य समाज में लैंगिक समानता को बढ़ावा देना और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित करना है। NSS की यह सक्रियता न केवल छात्रों में सामाजिक जिम्मेदारी की भावना जगाती है, बल्कि समाज के प्रति उनकी भूमिका को भी मजबूत करती है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से, स्वयंसेवकों ने सभी को एकजुट होकर महिलाओं के सशक्तिकरण के इस महत्वपूर्ण लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
भविष्य की दिशा में एक कदम
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में NSS के इस अभियान का उद्देश्य केवल जागरूकता फैलाना नहीं है, बल्कि महिलाओं के प्रति समाज का दृष्टिकोण बदलना भी है। स्वयंसेवकों ने महिलाओं के शिक्षा, स्वास्थ्य, और आर्थिक स्वतंत्रता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया कि हर महिला को अपनी आवाज उठाने और अपने अधिकारों के लिए लड़ने का अवसर मिले। NSS द्वारा किए गए प्रयासों से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में महिलाएं हर क्षेत्र में सशक्त होंगी और समाज में सकारात्मक बदलाव लाएंगी। यह पहल न केवल वर्तमान पीढ़ी को प्रभावित कर रही है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी एक मजबूत आधार तैयार कर रही है।
समाज में परिवर्तन की आवश्यकता
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में NSS द्वारा चलाए जा रहे महिला सशक्तिकरण के अभियान के तहत यह भी महत्वपूर्ण है कि समाज के सभी वर्ग सक्रिय रूप से शामिल हों। NSS स्वयंसेवकों ने स्थानीय नेताओं, शिक्षकों, और अभिभावकों से भी जुड़ने का प्रयास किया है ताकि वे भी इस दिशा में योगदान दे सकें।
महिलाओं की सशक्तिकरण की दिशा में यह एक सामूहिक प्रयास है, जिसमें समाज के हर व्यक्ति की भूमिका है। इस अभियान के माध्यम से, NSS ने यह संदेश दिया है कि जब हम सभी मिलकर काम करते हैं, तब ही समाज में वास्तविक परिवर्तन संभव है। यह पहल महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने और उनकी स्थिति को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। परिवर्तन की इस यात्रा में, हर व्यक्ति की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है।