कानपुर के राजीव दुबे और रश्मि दुबे का दावा है कि इजराइल के वैज्ञानिकों ने एक नई ऑक्सीजन थैरेपी विकसित की है। उनका कहना है कि इस थैरेपी से 60 से 65 साल के लोग भी 25 साल के युवा जैसे नजर आ सकते हैं। उनके इस दावे ने कानपुर के कई लोगों को आकर्षित किया, जिससे कुछ लोगों ने अपनी संपत्ति तक गंवा दी।
इजराइल की ऑक्सीजन थैरेपी का दावा: कानपुर के लोग हुए प्रभावित
कानपुर के राजीव दुबे और रश्मि दुबे का दावा है कि इजराइल के वैज्ञानिकों ने एक नई ऑक्सीजन थैरेपी विकसित की है। उनका कहना है कि इस थैरेपी से 60 से 65 साल के लोग भी 25 साल के युवा जैसे नजर आ सकते हैं। उनके इस दावे ने कानपुर के कई लोगों को आकर्षित किया, जिससे कुछ लोगों ने अपनी संपत्ति तक गंवा दी।
लोगों की गुमराही और वित्तीय नुकसान
इस थैरेपी के आकर्षण में पड़कर, कानपुर के कई लोग राजीव और रश्मि दुबे के द्वारा किए गए दावों पर भरोसा कर बैठे। उन्होंने इस नई विधि के लिए भारी धनराशि का निवेश किया, लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला। कई लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई गंवा दी और कुछ को तो अपने घरों से भी हाथ धोना पड़ा। यह मामला न केवल आर्थिक नुकसान का कारण बना, बल्कि लोगों के बीच भ्रम और चिंता भी बढ़ा दिया।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और जांच की आवश्यकता
इस मामले के सामने आने के बाद, स्थानीय प्रशासन ने चेतावनी जारी की है और लोगों को ऐसे फर्जी दावों से बचने की सलाह दी है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की थैरेपी का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है और इसे आम जनता के बीच फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। लोगों से अपील की गई है कि वे ऐसे दावों पर विश्वास न करें और अपने स्वास्थ्य के मामले में हमेशा प्रमाणित चिकित्सा विशेषज्ञों से सलाह लें। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, जांच की प्रक्रिया भी शुरू की गई है ताकि जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके।
जागरूकता फैलाने की आवश्यकता
इस घटना ने समाज में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता की आवश्यकता को उजागर किया है। लोगों को यह समझने की जरूरत है कि किसी भी नई चिकित्सा विधि या उपचार को अपनाने से पहले उसकी वैज्ञानिकता और प्रमाणिकता की जांच करना अनिवार्य है। स्वास्थ्य के मुद्दों पर जानकारी हासिल करना और विशेषज्ञों से सलाह लेना आवश्यक है, ताकि वे धोखाधड़ी और फर्जी दावों का शिकार न हों। इसके साथ ही, समाज के हर वर्ग में इस तरह के फर्जी दावों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में किसी और को ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े।