RBI ने 500 रुपये के नोट के लिए जारी की नई गाइडलाइन! अब जानें असली नोट पहचानने के 18 अहम प्वाइंट्स RBI Tips on 500 Notice
RBI Tips on 500 Notice भारत में नकली मुद्रा की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। आम नागरिकों के लिए यह एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है कि उनकी जेब में रखा नोट असली है या नकली। विशेषकर 500 रुपये के नोट, जो दैनिक लेनदेन में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाले उच्च मूल्य के नोटों में से एक हैं, इनकी प्रामाणिकता सुनिश्चित करना आवश्यक हो गया है। आइए जानें कैसे आप आसानी से असली और नकली 500 रुपये के नोट में अंतर कर सकते हैं।
नकली मुद्रा का बढ़ता खतरा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़े बताते हैं कि हाल के वर्षों में नकली मुद्रा के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में, बैंकिंग प्रणाली ने 5.45 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के नकली नोट पकड़े, जिनमें से अधिकांश (लगभग 96%) बैंकों द्वारा ही पहचाने गए। यह आंकड़ा इस बात को दर्शाता है कि नकली मुद्रा पहचानने में बैंक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन आम नागरिकों को भी इस संबंध में जागरूक होना चाहिए।
500 रुपये के नोट के संदर्भ में, 2019-20 में पकड़े गए 30,054 नकली नोटों की तुलना में 2020-21 में इनकी संख्या में 31.3% की वृद्धि देखी गई। यह आंकड़ा चिंताजनक है और इसलिए हर नागरिक को असली नोट पहचानने के तरीके जानना अत्यंत आवश्यक है।
500 रुपये के असली नोट की प्रमुख विशेषताएं
RBI ने 500 रुपये के नोट में कई सुरक्षा विशेषताएं शामिल की हैं जो नकली नोटों से इन्हें अलग करती हैं। आइए इन प्रमुख विशेषताओं को विस्तार से जानें:
1. वाटरमार्क तकनीक
500 रुपये के असली नोट पर महात्मा गांधी का वाटरमार्क स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। इसे देखने के लिए नोट को प्रकाश के सामने रखें और खाली स्थान पर ध्यान दें। वाटरमार्क में गांधीजी का चेहरा और “500” का अंक दिखाई देगा। यह वाटरमार्क नोट के कागज का हिस्सा होता है, न कि छपा हुआ, जिससे इसकी नकल करना अत्यंत कठिन होता है।
2. सुरक्षा धागा (सिक्योरिटी थ्रेड)
नोट के बीच में एक विशेष सुरक्षा धागा होता है जो नोट को हल्का मोड़ने पर हरे से नीले रंग में बदल जाता है। यह धागा “भारत” और “RBI” शब्दों के साथ नोट में अंतर्निहित होता है। नकली नोटों में अक्सर इस प्रकार का रंग परिवर्तन नहीं होता या फिर उस पर छपा हुआ दिखाई देता है।
3. माइक्रोटेक्स्ट
नोट पर कई जगहों पर सूक्ष्म अक्षरों में “500” और “भारत” लिखा होता है। इन्हें देखने के लिए आपको मैग्निफाइंग ग्लास की आवश्यकता हो सकती है। यह सूक्ष्म छपाई नकली नोटों में दोहराना बहुत मुश्किल होता है।
4. कोणीय दृश्य परिवर्तन विशेषताएं
जब आप नोट को 45 डिग्री के कोण से देखते हैं, तो “500” का अंक स्पष्ट दिखाई देता है। इसके अलावा, नोट के दाहिने हिस्से में स्थित “500” का अंक हरे से नीले रंग में बदलता है जब आप अलग-अलग कोणों से नोट को देखते हैं।
5. देवनागरी अंक और पाठ
नोट पर “500” का अंक देवनागरी लिपि में भी छपा होता है। इसके अलावा “पाँच सौ रुपये” शब्द भी देवनागरी में लिखे होते हैं, जो नोट की प्रामाणिकता को सुनिश्चित करते हैं।
6. अशोक स्तंभ प्रतीक
नोट के दाहिनी ओर अशोक स्तंभ का प्रतीक मुद्रित होता है, जो भारत का राष्ट्रीय प्रतीक है। इस प्रतीक के नीचे “भारत” (हिंदी में) और “INDIA” (अंग्रेजी में) लिखा होता है।
7. गवर्नर के हस्ताक्षर
नोट पर RBI के गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं, जो समय-समय पर बदलते रहते हैं। हस्ताक्षर के नीचे “गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक” लिखा होता है।
8. स्वच्छ भारत अभियान लोगो
नोट के पीछे की तरफ, स्वच्छ भारत अभियान का लोगो छपा होता है। यह भी एक महत्वपूर्ण पहचान चिन्ह है।
9. लाल किले का चित्र
500 रुपये के नोट के पीछे की तरफ लाल किले का चित्र छपा होता है, जिसके ऊपर भारतीय तिरंगा फहराता हुआ दिखाया गया है। यह चित्र लाल-भूरे रंग में होता है।
10. नोट पर वर्ष
नोट पर निर्माण का वर्ष भी छपा होता है, जो नोट के निचले हिस्से में देखा जा सकता है।
दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए विशेष सुविधाएं
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दृष्टिबाधित व्यक्तियों को भी ध्यान में रखा है और उनके लिए 500 रुपये के नोट में कुछ विशेष सुविधाएं शामिल की हैं:
- उभरे हुए चिन्ह: नोट के बाएं किनारे पर अंग्रेजी और हिंदी में 500 के अंक उभरे हुए हैं, जिन्हें दृष्टिबाधित व्यक्ति महसूस कर सकते हैं।
- रफ एरिया: नोट के दाएं और बाएं किनारों पर रफ (खुरदरे) क्षेत्र होते हैं जिन्हें छूकर पहचाना जा सकता है।
- आकार में भिन्नता: 500 रुपये के नोट का आकार अन्य मूल्यवर्ग के नोटों से भिन्न होता है, जिससे दृष्टिबाधित व्यक्ति आकार के आधार पर भी नोट पहचान सकते हैं।
नकली नोट से बचने के उपाय
नकली नोट से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतें:
- नोटों का परीक्षण करें: जब भी आप बड़ी राशि का लेनदेन करें, तो नोटों को अच्छी तरह से जांचें।
- सरकारी वेबसाइट से जानकारी प्राप्त करें: RBI की आधिकारिक वेबसाइट पर नोटों की विशेषताओं के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध है।
- नकद लेनदेन में सावधानी बरतें: अनजान व्यक्तियों या संदिग्ध स्थानों से बड़ी राशि का लेनदेन करते समय विशेष सावधानी बरतें।
- बैंक की सहायता लें: यदि आपको किसी नोट के बारे में संदेह है, तो अपने नजदीकी बैंक में जाकर इसकी पुष्टि करा सकते हैं।
- नोट परीक्षण मशीनों का उपयोग करें: यदि आप व्यवसायी हैं, तो नोट परीक्षण मशीन का उपयोग करें जो असली और नकली नोटों में अंतर कर सकती है।
कानूनी प्रावधान
नकली मुद्रा से संबंधित अपराध भारतीय दंड संहिता की धारा 489A से 489E के अंतर्गत आते हैं। इन धाराओं के अनुसार, नकली नोट बनाना, रखना या उपयोग करना गंभीर अपराध है, जिसके लिए जुर्माने के साथ आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
नकली मुद्रा न केवल व्यक्तिगत वित्तीय नुकसान का कारण बनती है, बल्कि यह राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाती है। असली और नकली नोटों में अंतर पहचानने की क्षमता विकसित करके, आप अपने आप को और अपने समुदाय को धोखाधड़ी से बचा सकते हैं।
RBI द्वारा जारी की गई विशेषताओं और सुरक्षा उपायों का ज्ञान होना आवश्यक है। नोट पर वाटरमार्क, सुरक्षा धागा, माइक्रोटेक्स्ट, रंग परिवर्तन, और अन्य विशेषताओं की जांच करके, आप आसानी से असली 500 रुपये के नोट की पहचान कर सकते हैं।
याद रखें, सतर्कता ही सुरक्षा की कुंजी है। अपने आस-पास के लोगों को भी इन विशेषताओं के बारे में बताएं, ताकि समाज के हर वर्ग को नकली मुद्रा से होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।