विश्व हिंदू परिषद ने गुरुवार को प्रमुख हिंदू आस्था के मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग की। परिषद के प्रांत सह मंत्री सगुण श्रीवास्तव के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहित मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की अपील की गई है, जो राज्यपाल को संबोधित किया गया था।
सरकारी नियंत्रण से मुक्त हों हिंदू आस्था के केंद्र
प्रांत सह मंत्री ने बताया कि तिरुपति बालाजी के प्रसाद लड्डू में चर्बी और मछली के तेल मिलाने की शिकायतें सामने आई हैं, जो अत्यंत दुखद है। उनका मानना है कि हिंदू आस्था के केंद्रों पर सरकारी नियंत्रण होने के कारण ही इस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं। सरकारी हस्तक्षेप की वजह से मंदिरों के प्रसाद और अन्य सामग्रियों में मिलावट करके हिंदू आस्था को ठेस पहुंचाई जा रही है। इसके अलावा, सरकारी नियंत्रण के कारण हिंदू आस्था के केंद्रों से प्राप्त धन का दुरुपयोग भी व्यापक रूप से हो रहा है।
प्रांत प्रचार प्रमुख दुर्गेश त्रिपाठी ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि देश को आजादी मिले 77 वर्ष बीत चुके हैं, फिर भी सरकार का हिंदू धर्म स्थलों पर नियंत्रण होना उचित नहीं है। यह संविधान की मूल भावना के विपरीत है।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से विभाग मंत्री शीतल मिश्र, उत्तरी जिले के जिला अध्यक्ष विष्णु प्रताप सिंह, दक्षिणी जिले के जिला अध्यक्ष सूर्य नाथ सिंह, बजरंग दल विभाग संयोजक विनोद मिश्र, विश्वजीत शाही, देवेश वैश्य, संजीत श्रीवास्तव, विश्वजीत विशु, अनूप, महेंद्र चौधरी, रविकांत, और मोहन कन्नौजिया सहित अन्य प्रमुख लोग उपस्थित थे।